श्याम तुम मुरली बजाना छोड़ दो
मुरली की धुन पे रिझाना छोड़ दो
नहीं आने वाली तेरी बातों में मैं
मुस्काके दिल को चुराना छोड़ दो
पनघट पे जाऊँ जब मै मटकी भरने
पीछे-पीछे मेरे आना ना पड़ने
श्याम तुम हमको सताना छोड़ दो
मुस्काके दिल को चुराना छोड़ दो
ऐसी वैसी ना तुम मुझको समझना
ना तेरी रूक्मणी ना मै राधा हूँ कृष्णा
श्याम तुम प्रेम जताना छोड़ दो
मुस्काके दिल को चुराना छोड़ दो
भोली भाली सी हैं हम सारी गोपियाँ
हमको सताकर क्या मिलता है कृष्णा
श्याम तुम हमको रूलाना छोड़ दो
मुस्काके दिल को चुराना छोड़ दो
मैं ही हूँ भोली जो बातों मे फँस गई
आधी उमर तेरी यादों मे कट गई
श्याम तुम ख़्वाबों में आना छोड़ दो
EAK AMULAYA MANMOHAK KRISNA MEY, KAVAYA OR YEA KRISNA PREAM BHAJAN ,BUTYFULL WRITING!!JAISHREEKRISHANA.
ReplyDelete