मेरे हाथों की लकीरों में वो लकीर नहीं
जिसे दिल चाहें वो मिल जायें
ये तक़दीर नहीं
चाहत के मुतज़िर ये निगाहें बेबस
छलकता प्यार पैमाना
ये तक़दीर नहीं
अब हर मुआमला जज़्ब है सीने में कही
उनतक पहुँचे मेरे जज़्बात
ये तक़दीर नहीं
माजराये दिल उनके कदमों में उठाकर रख दूँ
बदल जाये तब भी हालात
ये तक़दीर नहीं
मस्ते शबाब हैं वो क़द्र वफा की क्या जाने
मिले हमारे खयालात
ये तक़दीर नहीं
बड़ी मुश्किल से जख़्मेजिगर संभाला है मगर
हरबार हो ये चमत्कार
ये तक़दीर नहीं
हवाए समूम फैली है फ़िजा मे शायद
मोहब्बत बदल दे ये आसार
ये तक़दीर नहीं
अर्थ -----
मुतज़िर - इंतज़ार करने वाला
जज़्ब - आत्मसात् ,एक मे समाया हुआ
माजराये दिल -हृदय की व्यथा,प्रेम कहानी
मस्तेशबाब - जवानी के नशे मे चूर
खयालात - विचारधारा
जख़्मेजिगर - इश्क का जख़्म
हवाए समूम - जहरीली हवा
आसार - लक्षन
फ़िज़ा - वातावरण
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जिसे दिल चाहें वो मिल जायें
ये तक़दीर नहीं
चाहत के मुतज़िर ये निगाहें बेबस
छलकता प्यार पैमाना
ये तक़दीर नहीं
अब हर मुआमला जज़्ब है सीने में कही
उनतक पहुँचे मेरे जज़्बात
ये तक़दीर नहीं
माजराये दिल उनके कदमों में उठाकर रख दूँ
बदल जाये तब भी हालात
ये तक़दीर नहीं
मस्ते शबाब हैं वो क़द्र वफा की क्या जाने
मिले हमारे खयालात
ये तक़दीर नहीं
बड़ी मुश्किल से जख़्मेजिगर संभाला है मगर
हरबार हो ये चमत्कार
ये तक़दीर नहीं
हवाए समूम फैली है फ़िजा मे शायद
मोहब्बत बदल दे ये आसार
ये तक़दीर नहीं
अर्थ -----
मुतज़िर - इंतज़ार करने वाला
जज़्ब - आत्मसात् ,एक मे समाया हुआ
माजराये दिल -हृदय की व्यथा,प्रेम कहानी
मस्तेशबाब - जवानी के नशे मे चूर
खयालात - विचारधारा
जख़्मेजिगर - इश्क का जख़्म
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आसार - लक्षन
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