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Friday, May 20, 2016

तेरे जाने के बाद

मौत ना आई तेरे जाने के बाद
जाने कैसे हम तेरे बिन रह गये
बिन तेरे ना था एक पल भी क़रार
जाने कैसे हम वो पल भी सह गये

अपने आँचल की कोर से
हटा कर गर्द तस्वीरों की
देखते हैं अँखियाँ मीचे
कभी एकटक झलक तस्वीरों की
और करते हैं मन ही मन बातें हजार
जाने कैसे इन लबों को सिलते गये

डायरी के पन्नों में
अनगिनत बातें हैं प्यार की
उन पन्नों मे रखी है कुछ
गुलाब की पंखड़ी इक़रार की
जो कभी कभी करती है बेहद बेक़रार
जाने कैसे तन्हाई से कह गये

आँखो की काजल ना बहके
छुपाती बातें अपने मन की
जान ना जाये विरह के किस्से
बातें  हैै जो सिर्फ अंदर की
लोग हँसे बातें बनाकर बार-बार
इसलिए हम अश्क अपने पी गये

आई जब भी रूत सुहानी
कलियों से मिल भौंरे गाये
इस जीवन के सुनेपन मे
कोई सुर अब ना सँज पाये
करवटें बदलते रहे सारी रात
जाने कैसे तन्हा
सफ़र तय करते गये !!

                            
      
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