ये ज़िंदगी आनी-जानी है
कुछ तेरी कुछ मेरी कहानी है
कुछ ख़्वाब पलकों पे रख के चल
वरना ख़त्म ज़िंदगानी है
आये गर तूफ़ां तो आने दे सामना कर
घिरे काली घटा तो हँसके तू आगे बढ़
जीने की ये अदा मस्तानी है
हार के बाद जीत ही आनी है
बीते लम्हें दफ़न कर
जो पल रूला गये उन्हें कफ़न कर
क्योकि कोई पल वापस ना आनी है
आगे एक नई ज़िदगानी है
करता जा मन की तू
बातें जो अच्छी हो
कह के ना बैठ ये मेरा नसीब है
जो बातें कच्ची हो
बुलंद इरादों से चट्टान तोड़ जानी है
बुज़ुर्गों की नसीहत पुरानी है
देख कोई हाथ दे प्यार से तो थाम ले
ना मिले साथ कोई चल दे तन्हा तू यूहीं
सही राहों को मंजिल मिल जानी है
पीछे से क़ाफ़िला भी चली आनी है!!
BAHRAIN KHOBSURAT GIDAGI KE DOOP CHHAVE KI ANMOOL YADGAR KAVAYA RACHANA, HOSLA TO BULAND JIDAGANI HEY!!JAISHREEKRISHANA.
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