झुमती चली हवा
घिर गई घटा-घटा
कुछ जो टुटा खो गया
धुँध से घिरा-घिरा
वो बसा के आँखों में
दे गया सज़ा-सज़ा
कैसे बोलू बेवफा
ख़ुद से है गिला-गिला
याद आई वो वफा
दर्द मे डुबा-डुबा
देखती हूँ दिल का जख़्म
था बहुत हरा-हरा
अंधेरे ही अंधेरे अब
जिंदगी पीड़ा-पीड़ा
दर्द का सागर निकल
आँखों से बहा-बहा
जिंदगी का बोझ अब
जाता नहीं सहा-सहा
मर भी जाऊँ क्या हुआ
कौन है मेरा-मेरा !!
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घिर गई घटा-घटा
कुछ जो टुटा खो गया
धुँध से घिरा-घिरा
वो बसा के आँखों में
दे गया सज़ा-सज़ा
कैसे बोलू बेवफा
ख़ुद से है गिला-गिला
याद आई वो वफा
दर्द मे डुबा-डुबा
देखती हूँ दिल का जख़्म
था बहुत हरा-हरा
अंधेरे ही अंधेरे अब
जिंदगी पीड़ा-पीड़ा
दर्द का सागर निकल
आँखों से बहा-बहा
जिंदगी का बोझ अब
जाता नहीं सहा-सहा
मर भी जाऊँ क्या हुआ
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