ए दिल ज़रा मुहब्बत में क़दम
फूँक कर बढ़ा
आसान नहीं है
इसतरफ का रास्ताइस राह में सैयाद
जाल भी बिछाये हैं
फँस ना जाये पाँव कही
तू सँभल ज़रा
ये उम्र ही ऐसी है
जब खबर दिल को होती है
देर हो जाती है
बहुत ज़िंदगी रूलाती है
बस थोड़ी एहतियात तू
ख़ुद से बरत ज़रा
आसान नहीं है इसतरफ का रास्ता
माना मुहब्बत जरूरत हर किसी की है
माँगकर नहीं मिलती ये
मुक़द्दर से मिलती है
तमाम कोशिशे बेकार यहाँ
तू सँभल ज़रा
आसान नहीं है इस तरफ का रास्ता
कुछ मनचले हाथों मे दिल
लिये फिर रहे
दिल में क्या रक्खे हैं मगर
बात परखने की है
थोड़ा काबू रख और
ख़ुद को वक़्त दे ज़रा
आसान नहीं है इस तरफ का रास्ता