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Saturday, June 24, 2017

हादसे और जिंदगी

वज्न-212 212 212 212
                       गजल
                      🌹🌹
रास्ते में हमे मिल गये हादसे
हमने पूछा हमी पर गुज़र कर चले

जान-पहचान यारी न थी दुश्मनी
इक ज़रा-सी मुलाकात पे सिर चढ़े

यार देखो तो कैसे कटे ज़िन्दगी
साँसे उखरी हुई लम्हे बिखरे पड़े

आँखो से सब धुआँ ही धुआँ हो गया
हमने देखा जो अपनो को जाते हुये

हमने आवाज दी बढ के रोका कदम
मौत-सी शक्ल थी वो हँसे चल पड़े

हमने पीछा किया साथ के अंत तक
वो कदम के निशां भी मिटा कर बढ़े

कोई रोके ज़रा जाने किस बात पर
वो ख़फा हो हमे यूँ रूला कर चले

कौन सी वो जगह कैसे ढूंढे नजर
अब तो आँखे भी बैरी दगा कर लिये

पहले अपने गये पीछे सपने सभी
सब ही मिटता रहा हम बचे रह गये

नैन बरसे कि आँखो मे सागर कुई
इससे डूबे कि उबरे बता क्या करे

भींगे सावन तले जल रहा नन्हा दिल
जख़्र्म कोई कुरेदे न हम दिलजले

क्या से क्या हो गये ज़िंदगी और हम
हादसे हम को लूटे मिटा कर गये









Wednesday, June 14, 2017

उजाले न गए

                                  

वज्न -2122 1122 1122 22/112                 

Tuesday, June 13, 2017

Sunday, June 11, 2017

फासला हो जाएगा

                                     
वज्न-2122 2122 212
फाइलातुन फाइलातुन फाइलुन

Friday, June 2, 2017

हम न होगे

                               
वज्न-2122 2122 2122 212