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Sunday, July 9, 2017

मेरा सांवरा बेवफा हो गया

मिरा सांवरा बेवफा हो गया
भुलाया हमे या ख़फा हो गया
इधर उसकी चाहत में जलती रही
उधर वो किसी का सगा हो गया

सुना है वो मुरली बजाता रहा
नचा गोपियों को सताता रहा
न मेरी खबर ली किसी बात की
सताया तो दिल बावरा हो गया

चलो मान लेते हैं फुरसत नहीं
मिली हो कही हमसे बेहतर हसीं
यहाँ हमने खोई ये चाहत सनम
मगर आपका तो नफ़ा हो गया

मिलोगे हमे ये यकीं अब नहीं
हमें भूल जाओ सही भी नहीं
रूलाऊंगे हम जब मिरे हाल पर
कहोगे कि जोगन ये क्या हो गया
                           

वज्न-122 122 122 12




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