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Saturday, January 16, 2016

इंतिहा कर दी

उनकी दिल्लगी एहसान है
हमारी मुहब्बत पर
जिसने ग़म की दौलत
हमें अदा कर दी
उसने रोते-रोते सज़ा दी थी
हमने हँसते-हँसते इंतिहा कर दी!!!

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