बदलते वक्त के साथ चलो
थोड़ा तुम बदलो थोड़ा हम बदले
अपने 'मै' को बगल मे रखकर
अपने 'अहम' से थोड़ा हटकर
थोड़ा तुम चलो थोड़ा हम चले
बातों को जितना खींचो बढ़ती हैं
रिस्तों के नाजुक डोर को कमजोर करती हैं
ऐसे मे 'हम' बनकर दोनो साथ चले
थोड़ा तुम जुड़ो थोड़ा हम जुड़े !!
थोड़ा तुम बदलो थोड़ा हम बदले
अपने 'मै' को बगल मे रखकर
अपने 'अहम' से थोड़ा हटकर
थोड़ा तुम चलो थोड़ा हम चले
बातों को जितना खींचो बढ़ती हैं
रिस्तों के नाजुक डोर को कमजोर करती हैं
ऐसे मे 'हम' बनकर दोनो साथ चले
थोड़ा तुम जुड़ो थोड़ा हम जुड़े !!
No comments:
Post a Comment