Search This Blog

Saturday, February 13, 2016

ऐसे दिलफेंक आशिकों से खु़दा बचाये

ऐसे कैसे दे दूँ दिल अपना
जब तुमपे एतबार नहीं
जरा ठहर जाओ शायद दिल को
तुमपे यक़ीं आ जाये
फिर बढ़ाना प्यार की बातें आगे
अभी लाज़िमी है हम
एक- दुजे को तो समझ पायें
प्यार में बेवफा सनम को सहना पड़े
इससे बेहतर है खु़द को थोड़ा वक़्त दे
या फिर सँभल जायें
अगर तुम दिन को रात कह दो
तो क्या मैं मान लूँगी
इतना यक़ीं करने के लिए मुमकीन है
खु़द से ज्यादा यक़ीं तुम पे हो जायें
तुमने कह तो दिया
तेरे लिए चाँद-तारे तोड़ लाऊँगा
बात ऐसी करो जिसपे यक़ीं किया जाय
प्यार फूलों की सिर्फ सेज नहीं
काँटें भी शामिल हैं
यक़ी तब हो जब
हर लम्हा कोई साथ निभाये
बुजु़र्ग कहते हैं सच्ची बात
जवानी अंधी होती है
जोश में होश गर खो बैठे तो
वो सँभालते जाये
जो दिल लगाकर कह दें
क्या करें मज़बुरी है,मुझे भूल जाओ
तौबा ऐसे दिलफेंक आशिकों से
खु़दा ही बचाये !!

No comments:

Post a Comment