मत लड़ों आपस में देशप्रेमियों
देश को तुम्हारी ज़रूरत है
तिरंगा हमारा यह नहीं पूछता
उसे ऊँचाई पे लहराने वाला
किस धर्म का है और कौन है
हर मुल्क में,हर धर्म में
हर तरह के इसां होते हैं
कोई भी ये कह नहीं सकता
किसके मन के अंदर क्या है
धरती हमारी माता है जब
रिश्ते मे हम भाई-भाई हैं
मिलकर रहना सीख ले वरना
हमारे देश की बड़ी तबाही है
ये सत्य और सटीक बात है जो
हमारे बुढ़े-बुजु़र्ग कह गये
दो लोगों के घमासान का फायदा
अक्सर किसी तीसरे ने ही उठाई है
भारत ही ऐसा देश है जहाँ पे
हर मज़हब के लोग
इज़्जत की रोटी खाते हैं
जाकर रहकर देख ले कोई अन्य किसी मुल्कों में
क्या इतनी ही इज़्जत पाते हैं
जब हमसब का एक ही मक़्सद
तिरंगे को ऊँचा रखना है
बाकी बातें आपस की आपस में
सुलझा ले तो अच्छा है
आजादी की जंग मे शामिल
भगत सिंह,असफाक उल्ला,चंद्रशेखर,राजगुरू
सबकी कुर्बानियाँ क्या यूँ ही मिट जाऐंगीं
जलियाँ वाले बाग की खूनी होली
किताबों मे दफन होकर रह जाऐगीं
एक बात तो सोच के देखो
उस वक़्त हमारे बीच भाईचारा ना होता
तो क्या हमारा भारत कभी आजाद होता
आज के ऐशोआराम की ज़िंदगी
क्या हमसब के पास होता
सरहद पे मरमिटने वालों का
सिर्फ एक ही धर्म के होता है
ना हिन्दू,मुस्लिम ना सिक्ख,ईसाई
नाम उनका भारत माता के लाल
लहु उनका मातृभूमि को समर्पित
और धर्म उनका तिरंगा की
हिफ़ाजत करना होता है !!!
देश को तुम्हारी ज़रूरत है
तिरंगा हमारा यह नहीं पूछता
उसे ऊँचाई पे लहराने वाला
किस धर्म का है और कौन है
हर मुल्क में,हर धर्म में
हर तरह के इसां होते हैं
कोई भी ये कह नहीं सकता
किसके मन के अंदर क्या है
धरती हमारी माता है जब
रिश्ते मे हम भाई-भाई हैं
मिलकर रहना सीख ले वरना
हमारे देश की बड़ी तबाही है
ये सत्य और सटीक बात है जो
हमारे बुढ़े-बुजु़र्ग कह गये
दो लोगों के घमासान का फायदा
अक्सर किसी तीसरे ने ही उठाई है
भारत ही ऐसा देश है जहाँ पे
हर मज़हब के लोग
इज़्जत की रोटी खाते हैं
जाकर रहकर देख ले कोई अन्य किसी मुल्कों में
क्या इतनी ही इज़्जत पाते हैं
जब हमसब का एक ही मक़्सद
तिरंगे को ऊँचा रखना है
बाकी बातें आपस की आपस में
सुलझा ले तो अच्छा है
आजादी की जंग मे शामिल
भगत सिंह,असफाक उल्ला,चंद्रशेखर,राजगुरू
सबकी कुर्बानियाँ क्या यूँ ही मिट जाऐंगीं
जलियाँ वाले बाग की खूनी होली
किताबों मे दफन होकर रह जाऐगीं
एक बात तो सोच के देखो
उस वक़्त हमारे बीच भाईचारा ना होता
तो क्या हमारा भारत कभी आजाद होता
आज के ऐशोआराम की ज़िंदगी
क्या हमसब के पास होता
सरहद पे मरमिटने वालों का
सिर्फ एक ही धर्म के होता है
ना हिन्दू,मुस्लिम ना सिक्ख,ईसाई
नाम उनका भारत माता के लाल
लहु उनका मातृभूमि को समर्पित
और धर्म उनका तिरंगा की
हिफ़ाजत करना होता है !!!
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