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Tuesday, January 12, 2016

बेज़बान

ज़ुबां थी ऽऽऽऽ
खोली नहीं तो ऽऽऽ
बेज़बान समझ बैठे
हमें तो इतना ही देखना था
सताने की ताकत बड़ी है या सहने की!!!

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