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Friday, February 19, 2016

दर्या में डुबने से बेहतर है

लड़का --- तेरी चाहत में डूबने का ग़म
              दर्या में डूबने से बेहतर है
लड़की --- तेरी चाहत का दिवानापन
              मुझे और समझने की ज़रूरत है
लड़का ---सुबह नाम तेरा लेकर ही जगता हूँ मैं
             सारा दिन बस तुम्हें याद करता हूँ मैं
             रात को तुम्हें ख़्वाबों में लाके सनम
            ओढ़ के चादर सो जाता हूँ मैं
            बताओ ऽऽऽ
            मुझे और कितना समझने की ज़रूरत है
लड़की --- इन्हीं बातों के मन का मरम
             थोड़ा और परखने की ज़रूरत है
लड़का ---किसी फूल पे ना मँडराता हूँ मैं
            सामने दिख भी जायें नज़रें झुकाता हूँ मैं
             लोग हँसते हैं मेरी इस दिवानगी पे
             तुम्हें और कैसी चाहत की ज़रूरत है
लड़की ---तुम्हारी बातों की झलक में है बालपन
             तुममे थोड़ी संजीदगी की ज़रूरत है     लड़का --- ऐसा कुछ भी नहीं जानता हूँ मैं
           दिल में रहते हो तुम बस यहीं मानता हूँ मैं
            मेरी चाहत को यूँ नज़रअंदाज न करो
           तुम्हें वफ़ा या बेवफ़ा की ज़रूरत है
लड़की ---मन की उलझन बन गई है मेरी सौतन
             अभी वक़्त पे छोड़ना मुनासिब है
लड़का ---लोग पूजते हैं मूरत जाकर मंदिरों में
             मैं पूजता हूँ दिल में बिठाकर तुम्हें
            रब दिखता है यारा तुझमे ही कहीं
           आँखों से बस तुम्हें पढ़ने की ज़रूरत है
           तेरी चुप्पी कहती है
           तू है रज़ामंद
           अब मुझे कुछ भी नहीं
           सुनने- समझने की ज़रूरत है !!



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