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Monday, March 14, 2016

दुआओ से यारों के

                                     

दुनिया में,लोगों में
दर्द कितना है,जख्म कितने हैं
देखा जब,आँखे पसार के
हम तो बहुत सही हैं,जमाने में
दुआओं से यारों के

यारों ने हमेशा मेरा हौसला बढ़ाया
यारों ने हमेशा सही रास्ता दिखाया
आँखों में जब आँसू आये
हँसा के मुझे
गिरने ना दिया ज़रा सा भी
अश्क को ज़मीं पे
वही पे रोक डाला

दुनिया में,आँखो में,अश्क कितना है
देखा जब,आँखे पसार के
हम तो बहुत सही है,ज़माने मे़ं
दुआओं से यारों के

रिश्ता खून का ना सही
उससे कम भी तो नहीं है
हर ग़म में, खुशी में
वो शामिल तो कहीं है

जीवन में,जीने का,पल कितना है
देखा जब,आँखे पसार के
हम तो बहुत है सही है,ज़माने में
दुआओं से यारों के

ज़िंदगी में सबकुछ
मिल जाता है
सच्चे यार जो मिलते हैं
रब भी ऐसी दोस्ती को
झुककर,सलाम करते है
दुनिया में,दुश्मनी कितनी है,देखा जब
आँखे पसार के
हम तो बहुत सही है,ज़माने में
दुआओं से यारों के

हमारी तमन्ना है
उन्हे ज़िंदगी की
हर खुशीयाँ नसीब हो
जितनी दुआएँ
उनके दिल मे ,हमारे लिए है
उतनी ही ,उनके भी करीब हो
नसीब में बद्दुआएँ कितनी है,देखा जब
बिना यारों के प्यार के

हम तो बहुत सही हैं,ज़माने में
दुआओं से यारों के !!

                                 


                                                 
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