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Tuesday, August 16, 2016

पति महफूज हाथों में है

                                     
                                                     
                                                    
एक शाम पति महोदय
बहुत थककर दफ्तर से घर आये
उनकी हालत देखकर हमने पूछा "चाय बनाये"
उन्होंने घूरकर मुझे देखा और बोला
रोज तो दफ्तर से आकर मैं ही चाय बनाता हूँ
एक ग्लास पानी भी नहीं पूछती
उल्टे मैं ही तुम्हें चाय बनाकर पिलाता हूँ
आज क्या बात हुई कि इतना प्यार बरसा रही हो
पैसे चाहिए या मायके वालों को बुला रही हो

अभी तक मै चुपचाप सारी बातें गटक रही थी
बिन आग के ही लपटों मे धधक रही थी
दफ्तर से तो रोज ही थके-हारे  आते हैं
किस बात का गुस्सा आज मुझपे दिखाते हैं

पति महोदय ने झुंझला कर कहा
अरे यार बकवास बंद कर
ऐसे ही बॉस ने दिमाग खाई है
पहले वाले कम थे जो अब महिला बॉस आई है

महिला बॉस का नाम सुनते ही
मन के तार झनझना उठे
अनगिनत सवालो के साथ
पति शक के घेरे मे आ फँसे
मैंने धीरे से क़रीब जाकर पूछा
वो दिखने मे कैसी है ????

पति महोदय का गुस्सा
सातवें आसमान पर चला गया था
आज पहली बार महसूस हुआ
कुछ ना कुछ मेरी पीठ पीछे तला गया था

मै झनकती-मटकती किचन मे गई टेन्शन में
चाय में चीनी की जगह नमक डालकर आ गई
                            

ये लो चाय पीकर दिल-दिमाग काबू मे लाओ और मुझे बताओ तुम्हारी बॉस दिखने मे कैसी है ????

पति ने ज्योहीं चाय मुँह मे उढ़ेली
पूरी की पूरी बाहर अा गई
मै थर-थर काँप रही थी
जाने मेरी कौन सी बात इन्हें इतनी सता गई
मैने धीरे से पूछा क्या हुआ ????
पति जोर से गरजे
मेरी मेहनत की कमाई अपनी ऐश मे उड़ाते हो
एक कप चाय माँगी तो नमक डालकर लाते हो

तभी फोन की घंटी घनघनाई
पति ने फोन उठाई
बहुत देर तक हँस हँस कर बातें बतिआई
मैने सोचा चलो जान बची तो लाखो पाई

थोड़ी देर बाद पति ने करीब आकर प्यार से बोला
डार्लिग कल मेरे बहुत ही अजीज़ मित्र
खाने पे आने वाले है खाना स्वादिष्ठ बनाना
नमक की जगह चीनी
चीनी की जगह नमक ना डालना
वरना मेरी नाक तुम्हारी इक बेवकुफी
से कट जाने वाले है

मेरे मन मे कुछ और ही खिचड़ी पक रही थी
बॉस वाली बात कैसे पता लगाऊँ
मेरी दाल नहीं गल रही थी

दुसरा दिन था खाने के बाद
दोनो मित्रों की हँसी- ठिठोली
की आवाज गूँज रही थी
                             

मै क्या बताऊँ मेरे कानो मे ये कितनी चुभ रही थी

अचानक उनके मित्र ने कहा
यार सुना है तेरे अॉफिस मे महिला बॉस आई है
तेरी क्या पूरे स्टाफ की भी नींदें उड़ाई है
इतना सुनकर मेरे कान खड़े हो गये
और दरवाजे से जा लगे

पति महोदय ने कहा अरे यार
मत याद दिला उसकी कल फिर सोमवार है
जाने क्या हाल करेगी मेरी
लगता है ये जीवन ही बेकार है
मित्र ने धीरे से पूछा क्या बात है भाई
कही तू प्यार-व्यार के चक्कर मे तो ना फँस गया
क्या होगा इतनी सुन्दर भाभीजी का
जो तू अपनी नियत से भटक गया

अरे बस कर यार तू भी क्या-क्या सोचता है
बॉस सुन्दर होती तो
एक झलक देख कर इन आँखों को ही सेंक लेता
लेकिन उस काली-मोटी-भैसी के
करीब रहना तो दूर खड़ा भी नहीं रहा जाता

                                

ऊपर से खुद को एेश्वर्या राय समझती है
जाने कौन सा परफ्यूम लगाकर आती है कि
इतना बदबुदार महकती है
मुझे ही नहीं पूरे स्टाफ को सताती है
छोटी छोटी बातों पर तनख्वाह काट जाती है

और मत पूछ यार मुझे तो हमेशा
अपने केबिन मे अपने करीब बिठाती है
कहती है तुम इस ऑफिस के सबसे होनहार ईमानदार,मेहनती वर्कर हो
मुझे इज्जत देने का बहाना बनाती है
                               

क्या करूँ यार रात को भी
उसकी डरावनी सूरत ख्वाबों में आ जाती है
डरकर उठ जाऊँ तो
तेरी भाभी सवालों की झड़ी लगाती है
घर-बाहर दोनो का मारा हुआ हूँ
देख मेरी हालत मै कैसा बेचारा हुआ हूँ

मै अबतक कान लगाये उनकी
सारी बाते सुन रही थी

                            
मजे की बात ये है कि
मै बेकार ही इतना डर मन मे बुन रही थी

मैने झटपट गरमागर्म चाय उन्हें पेश किया
                                 
चाय की चुस्कियाँ लेते हुए पति ने कहा
तुमने चीनी कुछ ज्यादा ही डाल दिया

मगर मै खुशी से फूली नहीं समा रही थी
मैने पति  बिलकुल सही हाथों मे है
स्वयं को महफूज बता रही थी !!

                                     










1 comment:

  1. KHOBSURAT KANCHAN PRIYA KI KALAM MADHUR HAASAYARASHBHARE ANMOOL KAVAYA RACHANA.!!!JAISHREEKRISHANA.!!

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